जन्म के समय कुछ बच्चों के अंडकोष (testicles) पूरी तरह से विकसित या नीचे स्क्रोटम में नहीं होते हैं, इस स्थिति को cryptorchidism या undescended testicles (अवरोहित अंडकोष) कहा जाता है। ये एक सामान्य बाल चिकित्सा स्थिति है और हर 100 में से लगभग 3-5 लड़कों में देखी जाती है, विशेष रूप से समय से पहले (premature) जन्मे बच्चों में।
संभावित कारण:
1. विकास संबंधी रुकावट: गर्भावस्था के दौरान अंडकोष पेट में बनते हैं और धीरे-धीरे स्क्रोटम में उतरते हैं। अगर ये प्रक्रिया रुक जाती है तो अंडकोष स्क्रोटम तक नहीं पहुंचते।
2. हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोन का स्तर पर्याप्त न होना।
3. जेनेटिक फैक्टर: कुछ आनुवंशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
4. माँ के स्वास्थ्य से संबंधित कारण: गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज, धूम्रपान, शराब या कुछ दवाओं का सेवन।
क्या यह कोई बीमारी है? (Is this a disease?)
यह एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसे यदि समय पर सुधारा जाए तो कोई गंभीर बीमारी नहीं मानी जाती। लेकिन यदि इसका इलाज न हो तो यह आगे चलकर कुछ समस्याएँ पैदा कर सकता है।
संभावित प्रभाव:
1. बांझपन (Infertility): अंडकोष अगर लंबे समय तक शरीर के अंदर रहे तो तापमान ज्यादा होता है, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
2. टेस्टिकुलर कैंसर का जोखिम: अवरोहित अंडकोष में कैंसर का थोड़ा अधिक खतरा रहता है।
3. हॉर्मोनल असंतुलन
4. हर्निया और टेस्टिकुलर टॉर्शन (मरोड़)
क्या यह सामान्य है?
हाँ, जन्म के समय यह स्थिति कई बच्चों में देखी जाती है, विशेषकर प्रीमैच्योर बच्चों में। कई मामलों में यह 3 से 6 महीने के भीतर स्वतः नीचे आ जाता है।
निदान क्या है?
1. प्रेक्षण (Observation): 6 महीने तक डॉक्टर प्रतीक्षा कर सकते हैं कि अंडकोष अपने आप नीचे आ जाएं।
2. हॉर्मोनल थेरेपी: hCG या GnRH जैसी दवाएं दी जाती हैं (लेकिन कम उपयोग होती हैं)।
3. सर्जरी (Orchiopexy): यदि 6-12 महीने की उम्र तक अंडकोष नहीं उतरते, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। यह एक सुरक्षित और सामान्य प्रक्रिया है।
यह कोई घातक बीमारी नहीं है लेकिन नजरअंदाज करना उचित नहीं है। समय पर इलाज से भविष्य की जटिलताओं से बचा जा सकता है। यदि आपको अपने बच्चे में यह स्थिति दिख रही है, तो बाल रोग विशेषज्ञ या सर्जन से परामर्श लेना जरूरी है।