किडनी यानी गुर्दे हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। ये खून से विषैले पदार्थ (Toxins), अतिरिक्त पानी (Excess Fluid) और अपशिष्ट (Waste) को छानकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं। साथ ही ये रक्तचाप (Blood Pressure) नियंत्रित करने, लाल रक्त कोशिकाएँ (RBCs) बनाने और हड्डियों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
जब किडनी अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाती तो इस स्थिति को किडनी फेल्योर (Kidney Failure/गुर्दे की विफलता) कहा जाता है। यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है (Chronic) या अचानक भी हो सकता है (Acute)।
किडनी फेल्योर के प्रकार (Types of Kidney Failure)
Acute Kidney Failure (अचानक होने वाला)
- कुछ घंटों या दिनों में किडनी काम करना बंद कर देती है।
- कारण: गंभीर संक्रमण, दवाइयों का असर, डिहाइड्रेशन, ब्लॉकेज आदि।
- सालों तक धीरे-धीरे किडनी की क्षमता घटती जाती है।
- कारण: डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, लंबे समय तक पथरी या आनुवांशिक रोग।
किडनी फेल्योर के लक्षण (Symptoms of Kidney Failure)
- पेशाब में बदलाव – कम या बहुत ज्यादा पेशाब आना, झागदार पेशाब, खून आना।
- सूजन (Edema) – पैरों, टखनों, चेहरे और हाथों पर।
- थकान और कमजोरी – एनीमिया और खून में विषाक्त पदार्थ बढ़ने से।
- भूख न लगना – उल्टी, मितली और खाना खाने की इच्छा न होना।
- सांस लेने में कठिनाई – शरीर में पानी भरने के कारण।
- त्वचा की समस्याएँ – खुजली, सूखापन।
- रक्तचाप बढ़ना (High Blood Pressure)।
- मानसिक भ्रम और नींद की समस्या।
किडनी फेल्योर के कारण (Causes of Kidney Failure)
- डायबिटीज (Diabetes Mellitus) – सबसे बड़ा कारण।
- हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)।
- किडनी पथरी (Kidney Stones) – लंबे समय तक रहने से नुकसान।
- ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस – किडनी के फ़िल्टर की सूजन।
- संक्रमण (Infections)।
- नेफ्रोटॉक्सिक दवाओं का सेवन (Painkillers, Antibiotics)।
- अनुवांशिक रोग (Polycystic Kidney Disease)।
- डिहाइड्रेशन और बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)।
किडनी फेल्योर का निदान (Diagnosis of Kidney Failure)
- Blood Tests – Serum Creatinine, Blood Urea Nitrogen (BUN)।
- Urine Test – Protein, Blood, Specific Gravity।
- Ultrasound/CT Scan – किडनी का आकार और संरचना देखने के लिए।
- Biopsy – किडनी के टिशू की जांच।
किडनी फेल्योर का इलाज (Treatment of Kidney Failure)
दवाइयाँ (Medicines)
- ब्लड प्रेशर और डायबिटीज कंट्रोल करने की दवाइयाँ।
- एनीमिया और सूजन कम करने की दवाइयाँ।
- शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए Diuretics।
डायलिसिस (Dialysis)
- जब किडनी खून को फ़िल्टर नहीं कर पाती तो मशीन द्वारा खून साफ किया जाता है।
- Hemodialysis (खून बाहर निकालकर मशीन से साफ करना)
- Peritoneal Dialysis (पेट के अंदर तरल डालकर खून को फ़िल्टर करना)
किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant)
- जब दोनों किडनी पूरी तरह फेल हो जाएं तो स्वस्थ दाता से नई किडनी लगाई जाती है।
4. जीवनशैली और आहार में बदलाव (Lifestyle & Diet Changes)
- Low Salt Diet (कम नमक वाला आहार)।
- Low Protein Diet (कम प्रोटीन वाला आहार, जैसे दाल, मांस, दूध की मात्रा सीमित)।
- Low Potassium & Low Phosphorus Diet (केला, संतरा, आलू, मेवे से परहेज)।
- धूम्रपान और शराब से बचाव।
- नियमित व्यायाम और ब्लड प्रेशर कंट्रोल।
बचाव के उपाय (Prevention of Kidney Failure)
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर को हमेशा नियंत्रित रखें।
- दर्द निवारक दवाओं (Painkillers) का लंबे समय तक इस्तेमाल न करें।
- पर्याप्त पानी पिएं लेकिन डॉक्टर की सलाह अनुसार।
- संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएँ।
- नियमित जांच कराते रहें (Blood & Urine Tests)।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
किडनी फेल्योर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी हो सकती है, लेकिन यदि इसके लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए और सही इलाज तथा जीवनशैली अपनाई जाए तो मरीज लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है।
ध्यान रखें – समय पर डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का इलाज, सही आहार और नियमित जांच ही किडनी को स्वस्थ रखने की सबसे बड़ी कुंजी है।
