टैचीकार्डिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की धड़कन (pulse rate) सामान्य से तेज हो जाती है। आमतौर पर, जब हार्ट रेट 100 बीट्स प्रति मिनट (BPM) से अधिक हो, तो इसे टैचीकार्डिया माना जाता है। यह एक अस्थायी स्थिति भी हो सकती है या किसी गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या का संकेत भी हो सकता है।
आज के इस लेख में हम आपको Tachycardia के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है। इसलिए इस लेख को पूरा और अन्त तक पढ़।
टैचीकार्डिया के प्रकार (Types of Tachycardia)
Tachycardia कई प्रकार का होता है ये Tachycardia के Cause and effect पर निर्भर करता है इसलिए टैचीकार्डिया को उसके कारण और प्रभाव के आधार पर तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है:
1. सिनुस टैचीकार्डिया (Sinus Tachycardia):
यह तब होता है जब हृदय (Heart) का सिनस नोड (जो हार्टबीट को नियंत्रित करता है) बहुत तेज सिग्नल भेजता है।
कारण: इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे एक्सरसाइज (Exercises) करना, बुखार (Fever) , तनाव (Dipression), डिहाइड्रेशन (Dehydration), कैफीन या निकोटीन आदि का अधिक सेवन करना इसके मुख्य कारण है।
यह आमतौर पर हानिकारक नहीं होता और आराम करने या ट्रिगर हटाने से सामान्य हो जाता है। लेकिन अगर यह हमेशा 100 से अधिक बना रहता है तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
2. सुप्रावेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (SVT - Supraventricular Tachycardia)
इसमें हृदय की धड़कन अचानक बहुत तेज हो जाती है और लंबे समय तक बनी रहती है।
कारण: इसका मुख्य कारण हृदय के ऊपरी चैंबर्स (एट्रिया) में इलेक्ट्रिकल सिग्नल की गड़बड़ी होना है।
यह आपको असहज महसूस करा सकता है लेकिन आमतौर पर यह जानलेवा नहीं होता है।
3. वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (Ventricular Tachycardia - VT):
यह सबसे गंभीर प्रकार का टैचीकार्डिया है, जिसमें हृदय के निचले कक्ष (वेंट्रिकल्स) में असामान्य रूप से तेज़ इलेक्ट्रिकल सिग्नल उत्पन्न होते हैं।
कारण: इसका मुख्य कारण हृदय रोग (Heart disease), कोरोनरी आर्टरी डिजीज(Coronary Artery Disease), हार्ट अटैक(Heart Attack), इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन(electrolyte imbalance) का होना है।
यह हृदय की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और हार्ट फेलियर या कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है।
टैचीकार्डिया के लक्षण (Symptoms of tachycardia):
अगर मनुष्य की हार्ट रेट लगातार 100 से ऊपर बनी रहती है, तो इसके निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं: जैसे
✅ सीने में दर्द या दबाव का मेहसूस होना।
✅ तेज़ सांस चलना या (सांस का फूलना)
✅ कमजोरी या थकावट मेहसूस होना।
✅ चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना।
✅ घबराहट या दिल की धड़कन तेज़ महसूस होना आदि।
क्या टैचीकार्डिया खतरनाक है?
अगर यह अस्थायी है (उदाहरण: एक्सरसाइज, डर, चिंता के कारण), तो चिंता की कोई बात नहीं है। इससे कोई खतरा नहीं है।
लेकिन अगर यह बार-बार होता है या बिना कारण हार्ट रेट 100+ रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ही जरूरी हो जाता है। इसे आप नजरअंदाज न करें और तुरन्त किसी प्रशिक्षित डॉक्टर को दिखाए।
टैचीकार्डिया के कारण
तनाव और चिंता का होना।
कैफीन, शराब या निकोटीन का अधिक सेवन करना।
बुखार, डिहाइड्रेशन या एनीमिया अर्थात (खून की कमी) का होना।
थायरॉइड की समस्या (हाइपरथायरॉइडिज्म) होना।
ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज का होना।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (पोटैशियम, मैग्नीशियम की कमी) का होना।
हृदय की मांसपेशियों में समस्या होना जिसे Cardiomyopathy कहते हैं।
टैचीकार्डिया से बचाव और उपचार:
तनाव कम करें: इसके लिए मेडिटेशन, योग और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें।
पर्याप्त पानी पिएं और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखें।
नियमित व्यायाम करें, लेकिन अत्यधिक परिश्रम करने से बचें।
अगर कोई मेडिकल कंडीशन (जैसे थायरॉइड या हाई BP) है, तो उसका सही इलाज कराएं।
डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरत पड़ने पर ECG, इकोकार्डियोग्राम या अन्य टेस्ट करवाएं।
अगर आपको बार-बार तेज़ धड़कन की समस्या हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से जांच करवाएं। क्या आपको कभी ऐसी समस्या हुई है? Comment के माध्यम से बताए।