प्लास्टिक के कप या गिलास में चाय पीने से स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्लास्टिक के कप या गिलास में चाय पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर जब गर्म पेय पदार्थ उसमें डाला जाता है। यह हानि प्लास्टिक के प्रकार और उसमें मौजूद रसायनों पर निर्भर करती है।
हानि:
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बिस्फेनॉल-ए (BPA) और फ्थेलेट्स (Phthalates) का रिसाव:
- प्लास्टिक में BPA और फ्थेलेट्स जैसे रसायन होते हैं, जो गर्म चाय या अन्य गर्म पेय पदार्थ के संपर्क में आने पर उसमें घुल सकते हैं।
- BPA को हार्मोन असंतुलन, प्रजनन समस्याओं, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों से जोड़ा गया है।
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माइक्रोप्लास्टिक का सेवन:
- प्लास्टिक कप में मौजूद सूक्ष्म कण (microplastics) चाय में घुलकर शरीर में चले जाते हैं, जो पाचन तंत्र और हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।
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प्लास्टिक गर्म होने पर हानिकारक पदार्थ छोड़ता है:
- उच्च तापमान पर प्लास्टिक के टूटने की संभावना अधिक होती है, जिससे उसमें से हानिकारक रसायन चाय में मिल सकते हैं।
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कैंसर का खतरा:
- रिसर्च के अनुसार, कुछ प्लास्टिक में कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाले) तत्व हो सकते हैं, जो लंबे समय तक सेवन करने से कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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प्रजनन और हार्मोनल समस्याएँ:
- प्लास्टिक में मौजूद BPA और अन्य रसायन शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल करते हैं, जिससे पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
क्या प्लास्टिक के कप में पानी पीना सही है?
वैज्ञानिक कारण:
- कम तापमान पर हानि कम: ठंडे पानी के मामले में प्लास्टिक का प्रभाव उतना हानिकारक नहीं होता, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
- लंबे समय तक उपयोग नुकसानदायक: प्लास्टिक के बोतल या कप में रखा पानी अधिक समय तक रहने पर उसमें मौजूद रसायन घुल सकते हैं, विशेषकर यदि प्लास्टिक निम्न गुणवत्ता का हो।
- धूप में रखने पर रिसाव: अगर प्लास्टिक की बोतल को धूप में रखा जाए, तो उसमें से BPA और अन्य हानिकारक तत्व पानी में घुल सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान होता है।
प्लास्टिक कप में पानी या चाय पीने से हो सकने वाली बीमारियाँ:
- कैंसर: प्लास्टिक में मौजूद कुछ रसायन शरीर में कैंसर सेल्स के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
- पाचन समस्याएँ: माइक्रोप्लास्टिक के सेवन से गैस, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याएँ हो सकती हैं।
- हार्मोन असंतुलन: BPA और फ्थेलेट्स शरीर में हार्मोनल बदलाव लाते हैं, जिससे मोटापा, डायबिटीज और थायरॉइड जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
- किडनी और लिवर की समस्याएँ: प्लास्टिक में मौजूद विषैले तत्व शरीर में धीरे-धीरे जमा होकर किडनी और लिवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
- प्रजनन क्षमता में कमी: पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता घट सकती है, और महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।
क्या करना चाहिए? (सुरक्षित विकल्प)
✔ मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तनों में चाय और पानी पीना सबसे अच्छा है।
✔ अगर प्लास्टिक का उपयोग करना ही है, तो BPA मुक्त प्लास्टिक चुनें।
✔ प्लास्टिक के कप या गिलास को दोबारा इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
✔ धूप में रखे हुए प्लास्टिक के गिलास या बोतल से पानी पीने से बचें।
निष्कर्ष:
प्लास्टिक के कप या गिलास में चाय या पानी पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर गर्म पेय पदार्थों के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तनों का उपयोग करना अधिक सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है।