पैरास्थेसिया (शरीर में झुनझुनी) या (Pins and Needles) का होना: लक्षण, कारण और उपचार (Paraesthesia (Tingling Sensation) or (Pins and Needles): Symptoms, Causes and Treatment)


शरीर में झुनझुनी (Pins and Needles) एक सामान्य अनुभूति है, जिसे मेडिकल भाषा में पैरास्थेसिया (Paresthesia) कहते हैं। यह स्थिति तब होती है जब नसों पर दबाव पड़ता है या उनमें रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से बाधित होता है। इसका अनुभव अक्सर हाथ, पैर, उंगलियों या पैरों में होता है। शरीर के किसी हिस्से में चुभन, सुई चुभने जैसी, सुन्नपन, या हल्की जलन महसूस होती है। यह अस्थायी हो सकती है, जो कुछ मिनटों में ठीक हो जाती है, या यह दीर्घकालिक हो सकती है, जो किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है।


झुनझुनी के प्रकार:

  1. अस्थायी झुनझुनी (Temporary Paresthesia):

    • कारण: लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने, पैर पर पैर रखने, या हाथ पर सिर रखकर सोने से नसों पर दबाव पड़ता है।
    • समाधान: स्थिति बदलने से तुरंत राहत मिलती है और रक्त संचार सामान्य होने पर झुनझुनी समाप्त हो जाती है।
  2. दीर्घकालिक झुनझुनी (Chronic Paresthesia):

    • कारण: यह किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या या अन्य स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकती है, जैसे मधुमेह, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, या नसों में चोट।
    • समाधान: इसका उपचार संबंधित स्वास्थ्य समस्या के अनुसार किया जाता है और इसके लिए चिकित्सा परामर्श आवश्यक है।

झुनझुनी के अन्य प्रमुख कारण:

  1. नसों पर दबाव:

    • जैसे- लंबे समय तक घुटने मोड़कर बैठना, हाथ को तकिए के नीचे रखकर सोना।
    • रक्त संचार बाधित होने से नसों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुँच पाते, जिससे झुनझुनी होती है।
  2. विटामिन की कमी:

    • विशेष रूप से विटामिन B1 (थायमिन), B6 (पाइरिडॉक्सिन), B12 (कोबालामिन), और विटामिन E की कमी।
    • यह नसों की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, जिससे झुनझुनी होती है।
  3. डायबिटिक न्यूरोपैथी:

    • मधुमेह के कारण नसों को नुकसान पहुँचता है, जिससे पैरों और हाथों में झुनझुनी, सुन्नपन या दर्द होता है।
  4. सियाटिका (Sciatica):

    • रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में नसों पर दबाव पड़ने से पैरों में झुनझुनी और दर्द हो सकता है।
  5. मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis):

    • यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की नसों को नुकसान पहुँचता है, जिससे झुनझुनी होती है।
  6. स्ट्रोक या ट्यूमर:

    • मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में रक्त संचार रुकने या ट्यूमर के कारण भी झुनझुनी हो सकती है।
  7. दवाओं के साइड इफेक्ट:

    • कुछ एंटीबायोटिक्स, कीमोथेरेपी की दवाएं, या एंटी-डिप्रेसेंट्स भी झुनझुनी का कारण बन सकती हैं।

उपचार और प्रबंधन:

  1. स्थिति बदलें और व्यायाम करें:

    • यदि लंबे समय तक बैठने या लेटने से झुनझुनी होती है, तो स्थिति बदलें और स्ट्रेचिंग करें।
  2. मालिश और गर्म सेक:

    • प्रभावित क्षेत्र की हल्की मालिश करें या गर्म पानी की बोतल से सेक करें, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है।
  3. विटामिन सप्लीमेंट्स:

    • डॉक्टर की सलाह से विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन E के सप्लीमेंट्स लें।
  4. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें:

    • यदि डायबिटीज है, तो रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें, जिससे डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों में कमी आती है।
  5. योग और ध्यान:

    • तनाव को कम करने और नसों को आराम देने के लिए योग और ध्यान उपयोगी हो सकते हैं।
  6. डॉक्टर से परामर्श लें:

    • यदि झुनझुनी लगातार बनी रहती है, दर्द के साथ होती है, या कमजोरी और सुन्नपन महसूस होता है, तो डॉक्टर से जांच कराएं।
    • डॉक्टर आवश्यक परीक्षण (जैसे- ब्लड टेस्ट, न्यूरोलॉजिकल टेस्ट, एमआरआई या सीटी स्कैन) करके सही कारण का पता लगाकर उपचार बताएंगे।

कब डॉक्टर से संपर्क करें:

  • झुनझुनी लंबे समय तक बनी रहे या बार-बार हो।
  • दर्द, कमजोरी, या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन के साथ हो।
  • बोलने में कठिनाई, चक्कर आना, या दृष्टि में समस्या हो।
  • संतुलन बनाने में कठिनाई या मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो।
Note : हमारा यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्य ले।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने